Poem On Moon- चांद पर कविता
Poem On Moon- चांद पर कविता सुनो ना प्यारे चाँद, अमर साक्षी बन जाओ ना, मेरे समर्पित प्रेम के, तुम्हे देख ही तो मन मे शीतलता पाते है प्रेमी, तुम चाँद हो न चौथ के, तुम पाखी बन प्रिय को निहार आना, मैं दीप सी जल रही हूँ, तुम्हारे पथ का उजियारा बन, अब तो