गाँव में तो डिप्रेशन को भी डिप्रेशन हो जायेगा।

गाँव में तो डिप्रेशन को भी डिप्रेशन हो जायेगा।

गाँव में तो डिप्रेशन को भी डिप्रेशन हो जायेगा। उम्र 25 से कम है और सुबह दौड़ने निकल जाओ तो गाँव वाले कहना शुरू कर देंगे कि  “लग रहा सिपाही की तैयारी कर रहा है ” फ़र्क़ नही पड़ता आपके पास गूगल में जॉब है। 30 से ऊपर है और थोड़ा तेजी से टहलना शुरू … Read more

जहां पतियाँ नहीं झरतीं वहाँ बसंत नहीं आता

जहां पतियाँ नहीं झरतीं वहाँ बसंत नहीं आता

जहां पतियाँ नहीं झरतीं वहाँ बसंत नहीं आता चीज़ों के गिरने के नियम होते हैं!मनुष्यों के गिरने के कोई नियम नहीं होते।लेकिन चीज़ें कुछ भी तय नहीं कर सकतींअपने गिरने के बारे मेंमनुष्य कर सकते हैं बचपन से ऐसी नसीहतें मिलती रहींकि गिरना हो तो घर में गिरोबाहर मत गिरो यानी चिट्ठी में गिरोलिफ़ाफ़े में … Read more

अतीत भी हम हैं, और भविष्य भी हम, तो वर्तमान में उनसे बैर क्यों

अतीत भी हम हैं, और भविष्य भी हम, तो वर्तमान में उनसे बैर क्यों

एक जीवन में हमारे व्यक्तित्व की न जाने कितनी परतें बन जाती हैं, जो हमें खुद भी मालूम नहीं होती। बचपन बीता नादानी में, फिर जवानी में हमारे किरदार की असल परतें शुरू होती है, जो कि जीवन के हर मोड़ पर हमारे लिए फैसलों पर सवाल खड़े कर देती है। अक्सर अपना जिया हुआ … Read more

College Without Friends

a woman wearing a vest over a dress shirt holding a book

College Without Friends? How does it sound..? Terrible right..? Yes, sometimes despite being an extrovert you cannot find good friends in college. By a good friend, I don’t mean you don’t have people to joke around with in class or people for help. But by a good friend, I mean a friend with whom you … Read more

Emotional Blindness

A short poem on Emotional Blindness. The poem explores the concept of emotional blindness and the impact it has on love and perception. To the blind, sight is a sin; light is lost at the cost of keeping the trauma called love alive. And as the sun sets on a mind that drowns in a … Read more