By: IND Hindi Tech
कुछ ज्यादा कहां चाहता हूं तुमसे, बस तुम्हारे केशों में उंगलियां फिरा उन्हें संवारना चाहता हूं, तुम्हारी हथेली पर अपनी उंगलियां उलझाकर कुछ क्षण साथ में बिताना चाहता हूं, कहीं तुम बिसर भी जाओ मुझे तो मेरा प्रेम याद रहे बस उतने प्रेम का अधिकार चाहता हूं...!!!